Rajasthan: Pakistan Refugee Neeta Kanwar Contesting Sarpanch Election – पाकिस्तान से विस्थापित होकर आई नीता कंवर लड़ रही है सरपंच का चुनाव
Jan 16, 2020Uttam jainराजस्थान, समाचार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजस्थान
Updated Thu, 16 Jan 2020 08:04 PM IST
पाकिस्तान से विस्थापित होकर आई नीता कंवर राज्य में पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमाएगी। सितम्बर 2019 में भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुकी नीता टोंक जिले के नटवाडा ग्राम पंचायत से सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। उल्लेखनीय है कि नीता कंवर 2001 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से जोधपुर आई।
नीता ने कहा कि मैं केवल यह जानती हूं कि सीएए के जरिए भारत में अच्छा जीवन यापन और अच्छी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। सोढा राजपूत समाज की महिला होने के नाते हम उसी जाति में शादी नहीं कर सकते। हमारा समाज भारत में रहता है और अधिकतर समाज के लोग जोधपुर में रहते है। मैंने 2001 में कॉलेज शिक्षा प्राप्त करने और उके बाद सुयोग्य वर के लिये पाकिस्तान से जोधपुर आई थी।
देश के विभिन्न हिस्से में इस समय नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध चल रहा है। इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए भारत में नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने बताया कि वह भारतीय नागरिकता पाने के लिये तीन साल से संघर्ष कर रही थीं। पिछले वर्ष सितम्बर में टोंक प्रशासन ने उनकी नागरिकता की अर्जी स्वीकार कर ली।
उन्होंने बताया अब मैं नटवाडा सीट से सरपंच पद के लिये चुनाव लड़ रही हूं। यह सीट सामान्य महिला उम्मीदवार के लिये सुरक्षित है। मैं लैंगिक समानता, महिला सशक्तीकरण और गांव के विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करूंगी।
पाकिस्तान से विस्थापित होकर आई नीता कंवर राज्य में पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमाएगी। सितम्बर 2019 में भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुकी नीता टोंक जिले के नटवाडा ग्राम पंचायत से सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। उल्लेखनीय है कि नीता कंवर 2001 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से जोधपुर आई।
नीता ने कहा कि मैं केवल यह जानती हूं कि सीएए के जरिए भारत में अच्छा जीवन यापन और अच्छी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। सोढा राजपूत समाज की महिला होने के नाते हम उसी जाति में शादी नहीं कर सकते। हमारा समाज भारत में रहता है और अधिकतर समाज के लोग जोधपुर में रहते है। मैंने 2001 में कॉलेज शिक्षा प्राप्त करने और उके बाद सुयोग्य वर के लिये पाकिस्तान से जोधपुर आई थी।
देश के विभिन्न हिस्से में इस समय नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध चल रहा है। इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए भारत में नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने बताया कि वह भारतीय नागरिकता पाने के लिये तीन साल से संघर्ष कर रही थीं। पिछले वर्ष सितम्बर में टोंक प्रशासन ने उनकी नागरिकता की अर्जी स्वीकार कर ली।
उन्होंने बताया अब मैं नटवाडा सीट से सरपंच पद के लिये चुनाव लड़ रही हूं। यह सीट सामान्य महिला उम्मीदवार के लिये सुरक्षित है। मैं लैंगिक समानता, महिला सशक्तीकरण और गांव के विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करूंगी।