भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ हो लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी बिसात बिछाने के लिए मजबूत उम्मीदवारों के आकलन में जुट गई है। भाजपा में जहां एक सीट पर कई प्रत्याशी दावा ठोक रहे हैं तो वहीं कई उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्हें लेकर राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस में भी है।
वैभव गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की ओर सबकी नजरे हैं। वैभव पिछले 10 सालों से संगठन का काम देख रहे हैं। उन्हें जोधपुर, जालौर-सिरोही, टोंक सवाई माधोपुर में किसी एक सीट से चुनाव में उतारे जाने की चर्चाएं हैं। लेकिन डिप्टी सीएम सचिन पायलट के एक बयान के बाद कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पायटल ने कहा है कि परिवार से किसी को टिकट नहीं दिया जाएगा। अब वैभव लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसको लेकर कयास तेज हैं।
भंवर जितेंद्र सिंह
अलवर के मौजूदा सांसद डॉ. करण सिंह यादव विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गए। लेकिन लोकसभा उपचुनाव में 2 लाख वोटों से जीत हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद भंवर जितेंद्र सिंह और करण सिंह यादव में से पार्टी किसे टिकट देगी इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
वसुंधरा राजे
भाजपा के बड़े चेहरों पर नजर डालें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लोकसभा चुनाव में किसी भूमिका में नजर आएंगी इसको लेकर चर्चा तेज है। राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा ने राजे को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से नवाजा है। उसके बाद से ही सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या राजे को लोकसभा चुनाव लड़ाकर दिल्ली लाया जाएगा।
हालांकि वसुंधरा राजे ने ऐसी चर्चाओं को विराम लगाने के लिए बयान भी दिया कि वे राजस्थान छोड़कर बाहर नहीं जाएंगी। लेकिन अभी यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि अगर पार्टी वसुंधरा को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो उनका फैसला क्या होगा।
दीयाकुमारी
दीयाकुमारी ने जयपुर संसदीय क्षेत्र से टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी है। वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के संपर्क में हैं। सांसद राम चरण बोहरा और कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का टिकट कटना मुश्किल है इसलिए इनकी दावेदारी को लेकर पार्टी में कई तरह की चर्चाएं हैं।
कर्नल सोना राम
बाड़मेर-जैसलमेर सीट से सांसद कर्नल सोनाराम को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बाड़मेर सीट से विधायक का चुनाव लड़वाया था लेकिन वे हार गए। विधानसभा सीट नहीं जीतने वाले सोनाराम को पार्टी लोकसभा में आजमाएगी या नहीं इस पर सबकी नजरें हैं।
इज्येराज सिंह
कांग्रेस के पूर्व सांसद विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी पत्नी कल्पना राजे को भाजपा ने टिकट दिया और वे कोटा की लाड़पुरा सीट से विधायक चुनी गईं। अब इज्येराज लोकसभा में चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर हाड़ौती की राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।
भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ हो लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी बिसात बिछाने के लिए मजबूत उम्मीदवारों के आकलन में जुट गई है। भाजपा में जहां एक सीट पर कई प्रत्याशी दावा ठोक रहे हैं तो वहीं कई उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्हें लेकर राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस में भी है।
वैभव गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की ओर सबकी नजरे हैं। वैभव पिछले 10 सालों से संगठन का काम देख रहे हैं। उन्हें जोधपुर, जालौर-सिरोही, टोंक सवाई माधोपुर में किसी एक सीट से चुनाव में उतारे जाने की चर्चाएं हैं। लेकिन डिप्टी सीएम सचिन पायलट के एक बयान के बाद कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पायटल ने कहा है कि परिवार से किसी को टिकट नहीं दिया जाएगा। अब वैभव लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसको लेकर कयास तेज हैं।
भंवर जितेंद्र सिंह
अलवर के मौजूदा सांसद डॉ. करण सिंह यादव विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गए। लेकिन लोकसभा उपचुनाव में 2 लाख वोटों से जीत हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद भंवर जितेंद्र सिंह और करण सिंह यादव में से पार्टी किसे टिकट देगी इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
वसुंधरा राजे
भाजपा के बड़े चेहरों पर नजर डालें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लोकसभा चुनाव में किसी भूमिका में नजर आएंगी इसको लेकर चर्चा तेज है। राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा ने राजे को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से नवाजा है। उसके बाद से ही सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या राजे को लोकसभा चुनाव लड़ाकर दिल्ली लाया जाएगा।
हालांकि वसुंधरा राजे ने ऐसी चर्चाओं को विराम लगाने के लिए बयान भी दिया कि वे राजस्थान छोड़कर बाहर नहीं जाएंगी। लेकिन अभी यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि अगर पार्टी वसुंधरा को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो उनका फैसला क्या होगा।
दीयाकुमारी
दीयाकुमारी ने जयपुर संसदीय क्षेत्र से टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी है। वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के संपर्क में हैं। सांसद राम चरण बोहरा और कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का टिकट कटना मुश्किल है इसलिए इनकी दावेदारी को लेकर पार्टी में कई तरह की चर्चाएं हैं।
कर्नल सोना राम
बाड़मेर-जैसलमेर सीट से सांसद कर्नल सोनाराम को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बाड़मेर सीट से विधायक का चुनाव लड़वाया था लेकिन वे हार गए। विधानसभा सीट नहीं जीतने वाले सोनाराम को पार्टी लोकसभा में आजमाएगी या नहीं इस पर सबकी नजरें हैं।
इज्येराज सिंह
कांग्रेस के पूर्व सांसद विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी पत्नी कल्पना राजे को भाजपा ने टिकट दिया और वे कोटा की लाड़पुरा सीट से विधायक चुनी गईं। अब इज्येराज लोकसभा में चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर हाड़ौती की राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।