जयपुर, जागरण संवाददाता। Gehlot Government. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश के करीब सात करोड़ लोगों का डिजिटल हेल्थ सर्वे करा रही है। इस सर्वे में प्रत्येक व्यक्ति की सेहत का डाटा तैयार किया जाएगा। आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और नर्सिंग स्टाफ घर-घर जाकर परिवार के प्रत्येक सदस्य की सेहत का रिकॉर्ड एकत्रित करेंगे। इसमे व्यक्ति का नाम, उम्र, यदि कोई बीमारी है तो उसके इलाज की क्या स्थिति है, किस चिकित्सक से इलाज कराया जा रहा है और जो दवा वे ले रहे हैं उसका क्या नाम है। इस तरह से व्यक्ति की सेहत से जुड़ी 250 सूचनाओं का डाटा तैयार किया जाएगा। प्रदेशभर का डाटा एकत्रित होने के बाद इसे ऑनलाइन किया जाएगा।
प्रारंभिक चरण में डिजिटल हेल्थ सर्वे के काम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जयपुर जिले के गोविंदगढ़ और सीकर के श्रीमाधोपुर में शुरू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में इसे एक अप्रैल से लागू करने का निर्णय लिया गया है। चिकित्सा विभाग एक तरफ जहां लोगों की सेहत की तस्वीर ऑनलाइन करेगा, वहीं दूसरी और केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग भी सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से शुरू की जाएगी। इसके लिए राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग सेल बनाया जा रहा है।
नया पैरोल एक्ट बनाएगी अशोक गहलोत सरकार
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपराधियों से सख्ती के साथ निपटने के लिए नया पैरोल एक्ट तैयार करेगी। नए एक्ट को विधानसभा के आगामी सत्र में पारित कराया जाएगा। गृह विभाग के अधिकारियों ने विधि विशेषज्ञों एवं पुलिस महकमे के अफसरों के साथ मिलकर पैरोल एक्ट का ड्राफ्ट तैयार किया है। नए पैरोल एक्ट में अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर कई अहम प्रावधान किए जा रहे हैं। इसके तहत जेल में यदि किसी कैदी के पास मोबाइल फोन भी मिलता है तो उसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। जेल में कैदी के पास मोबाइल फोन मिलने पर उसके खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में ट्रायल चलेगा।
यह भी पढ़ेंः मिलावट करने वालों पर गहलोत सरकार सख्त, गैर जमानती धाराओं में होगी गिरफ्तारी
Posted By: Sachin Kumar Mishra